सेवा और समर्पण का नाम है नर्सिंग-शकीलुर रहमान
सुबाष कुमार शर्मा
सिवान। स्वास्थ्य के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग ट्यूटर के पद पर पदस्थापित श्री शकीलुर रहमान ने विश्व नर्सिंग दिवस के अवसर पर कहा कि नर्सिंग एक पेशा है, जिसमें व्यक्तियों परिवारों या यूं कहें कि समुदायों की स्वास्थ्य संबंधी देखरेख की जाती है।
ताकि जब तक जीवन है उसे भरपूर जिया जा सके। ना केवल किसी भी अस्पताल की बल्कि समाज की अनिवार्यता है नर्सिंग। सेवा जब शीर्ष पर पहुंचती है तो नर्सिंग का रूप ले लेती है। वैसे भी नर्स होना समर्पण की एक गाथा है, जिसमें जीवन का संगीत बजता है। इस बेहद गंभीर विषय पर नर्सिंग ट्यूटर शकीलुर रहमान ने बताया कि नर्सिंग का अधिकार एक सामाजिक अनुबंध के तहत है, जो पेशेवर अधिकारियों व उत्तरदायित्व का वर्णन करता है। लगभग सभी देशों में नर्सिंग प्रैक्टिस कानून से परिभाषित और नियंत्रित होती है और इस पेशे में शामिल होने को राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर रेगुलेट किया जाता है।
नर्सिंग समुदाय का मुख्य उद्देश्य यही है कि सबको उच्च कोटि की देखरेख मिले और इसके साथ ही सभी मानकों,दक्षता व उनसे जुड़ी आचार संहिता इत्यादि का पालन हो सके। एक प्रोफेशनल नर्स बनने के लिए शिक्षा के कई रास्ते हैं, लेकिन सबको नर्सिंग सिद्धांत और व्यवहार पढ़ना पड़ता है
तथा क्लीनिकल स्किल में प्रशिक्षण लेना पड़ता है। नर्स हर उस व्यक्ति की देखरेख करती है, जिसे इसकी जरूरत है, चाहे वह किसी भी उम्र और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का क्यों ना हो। इस प्रोफेशन में शारीरिक विज्ञान,सामाजिक विज्ञान, नर्सिंग सिद्धांत और प्रौद्योगिकी का समावेश होता है।
कहा कि नर्सिंग सिर्फ सेवा ही नहीं वर्तमान समय में एक संपूर्ण कैरियर के रूप में तेजी से उभरा है।
अंत में श्री रहमान ने विश्व नर्सिंग दिवस के अवसर पर देश और विदेश के सभी नर्सेज भाई और बहनों को शुभकामनाएं दी और कहा कि नर्सेज डे हम सभी फ्लोरेंस नाइटेंगल की जन्म दिवस के अवसर पर मनाते हैं। इसलिए हमें उनके किए गए कर्मों और बताए गए रास्तों पर चलते हुए नर्सिंग सेवा करना चाहिए।