हाल-ए-शिक्षा, उपराष्ट्रपति,गृहमंत्री,रक्षामंत्री व प्रदेश के राज्यपाल तक का नाम नहीं मालूम , चलें हैं शिक्षा देने !
रिपोर्ट: रवि आर्य
बलिया। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में किताबें निश्शुल्क दी जाती हैं। मेरिट में टॉप आने वाले शिक्षकों को नियुक्ति दी जाती है। इन शिक्षकों को मोटा वेतन भी मिलता है। कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे इसके लिए यूनिफार्म, मिडडे मील, जूता-मोजा व स्वेटर तक सरकार उपलब्ध कराती है। इसके बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं है। परफेक्ट 24 न्यूज की पड़ताल में बेसिक शिक्षा स्कूलों के बच्चों को नहीं मालूम की वर्तमान में प्रदेश का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री कौन है? उच्च प्राथमिक विद्यालय भीखमपुर (सराय भारती)रसड़ा में कक्षा आठ की छात्रा से पूछा कि देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री कौन हैं तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। जब इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक अखिलानंद यादव से पूछा गया कि बच्चे देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता पा रहे हैं। विद्यालय में शिक्षा का स्तर काफी चिंतनीय है। तो अध्यापक महोदय ने इसका जिम्मेदारी बच्चों पर ही थोपते हुए कहा कि जब नींव ही कमजोर हो तो क्या किया जाए?
इसी बाबत जब प्रभारी प्रधानाध्यापक अखिलानंद यादव से पूछा गया कि देश के उपराष्ट्रपति कौन हैं, गृह मंत्री कौन हैं, रक्षा मंत्री कौन हैं व उत्तर प्रदेश के राज्यपाल कौन हैं ? तो अध्यापक महोदय ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। बच्चों को जानकारी नहीं थी तो अध्यापक महोदय ने उन्हें ही दोषी बना दिया और कह दिया कि नींव ही खराब है तो क्या किया जाए। अब हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि पड़ताल में प्रधानाध्यापक का ही नींव खराब निकला। अचरज का विषय है कि जिसे ऐसे छोटे छोटे प्रश्नों का ज्ञान न हो, देश के गृह मंत्री, रक्षा मंत्री व राज्यपाल तक का नाम मालूम न हो उसे कैसे अध्यापक का दायित्व सौंपा गया है । अगर परिषदीय विद्यालयों में ऐसे अध्यापक कुर्सियां तोड़ कर हर महीने मोटी मोटी रकम उतारते रहे तो देश के भविष्य का क्या होगा?